The best Side of hanuman chalisa
The best Side of hanuman chalisa
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[RamDoota=Lord Ram messenger; atulita=calculated; atilita=immeasurable; bala=energy; dhama=abode; Anjani=of Anjana; putra=son; pavana=wind; suta=son; naama=title]
भावार्थ – भगवान् श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रखवाले (द्वारपाल) आप ही हैं। आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में किसी का प्रवेश नहीं हो सकता (अर्थात् भगवान् राम की कृपा और भक्ति प्राप्त करने के लिये आपकी कृपा बहुत आवश्यक है) ।
सबकी न कहै, तुलसी के मतें इतनो जग जीवनको फलु है ॥
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।
व्याख्या – सामान्यतः जब किसी से कोई कार्य सिद्ध करना हो तो उसके सुपरिचित, इष्ट अथवा पूज्य का नाम लेकर उससे मिलने पर कार्य की सिद्धि होने में देर नहीं लगती। अतः यहाँ श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिये भगवान श्री राम, माता अंजनी तथा पिता पवनदेव का नाम लिया गया।
व्याख्या — श्री हनुमन्तलाल जी समग्र विद्याओं में निष्णात हैं और समस्त गुणों को धारण करने से ‘सकल–गुण–निधान’ हैं। वे श्री राम के कार्य सम्पादन हेतु अत्यन्त आतुरता (तत्परता, व्याकुलता) का भाव रखने वाले हैं। क्योंकि ‘राम काज लगि तव अवतारा’ यही उद्घोषित करता है कि श्री हनुमान जी के जन्म का मूल हेतु मात्र भगवान् श्री राम के हित कार्यों का सम्पादन ही है।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ॥११॥ रघुपति कीह्नी बहुत बड़ाई ।
Rama is the king of all, he is definitely the king of yogis. You managed all his responsibilities, or in other translation, He whoever requires refuge in Rama you are going to take care of all their jobs.
As the error was accomplished through the god Indra, he grants Hanuman a want that his physique could well be as solid as Indra's Vajra, and that his Vajra may not damage him. As well as Indra other gods have also granted him needs: the God read more Agni granted Hanuman a desire that fire will never hurt him; God Varuna granted a desire for Hanuman that water would not harm him; God Vayu granted a would like for Hanuman that he is going to be as quick as wind and the wind will not hurt him. Brahma also granted Hanuman a want that he can go to anywhere where he can't be stopped. For this reason these needs make Hanuman an immortal, who may have special powers and energy.[fifty]
भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।
हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?
Reciting it can help someone to channelize their energy and supplies a total emphasis of thoughts and system. Reciting or chanting of this Chalisa is a typical spiritual observe amongst many Hindus all across the globe.
व्याख्या – भजन का मुख्य तात्पर्य यहाँ सेवा से है। सेवा दो प्रकार की होती है, पहली सकाम, दूसरी निष्काम। प्रभु को प्राप्त करने के लिये निष्काम और निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता है जैसा कि श्री हनुमान जी करते चले आ रहे हैं। अतः श्री राम की हनुमान जी जैसी सेवा से यहाँ संकेत है।
भावार्थ – अन्त समय में मृत्यु होने पर वह भक्त प्रभु के परमधाम (साकेत–धाम) जायगा और यदि उसे जन्म लेना पड़ा तो उसकी प्रसिद्धि हरिभक्त के रूपमें हो जायगी।